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    इतिहास

    सन् 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद तथा दिनांक 01.11.1956 को मध्यप्रदेश राज्य के गठन होने के साथ ही जिला पश्चिम निमाड़ अस्तित्व में आ गया। तद्नुसार पश्चिम निमाड़ में राजनैतिक प्रभावशीलता के कारण से 1- प्रशासनिक राजस्व, पुलिस एवं अन्य शासकीय कार्यालयों के लिए मुखयालय खरगोन रखा गया तथा 2- न्यायिक व्यवस्था के लिए जिला न्यायालय मण्डलेश्वर में स्थापित किया गया तथा खरगोन, कसरावद, भीकनगांव, सनावद, बड़वाह, महेश्वर प्रमुख नगर स्थापित किए गए एवं सिविल न्यायालय भी स्थापित किए गए। जिला न्यायालय मण्डलेश्वरमाॅं रेवा (नर्मदा) के तट पर स्थित मण्उलेश्वर महिष्मती नगरी का एक हिस्सा था मण्डलेश्वर माॅं नर्मदा के उत्तर तट पर स्थित हैं। मण्डलेश्वर का इतिहास बहुत ही प्राचीन हैं यहांॅं शंकराचार्य मण्डनमिश्र का शास्त्रार्थ हुआ था। सन् 1819 में महिदपुर की लड़ाई में होल्करो की सेना को अंग्रेजो ने परास्त किया था तथा उसी समय से मण्डलेश्वर एवं उसी के आसपास का बहुत-सा ईलाका अंग्रेजों ने हथिया लिया था। सन् 1819 से 1864 ई. तक मण्डलेश्वर में ब्रिटिश साम्राज्य ने होल्कर राज्य को मण्डलेश्वर को पुनः सौप दिया। सन् 1868 से 1907 तक होल्कर राज्य का जिला मुखयालय मण्डलेश्वर रहा। मण्डलेश्वर में स्थित जिला न्यायालय मण्डलेश्वर का इतिहास बहुत ही प्राचीन है, मण्डलेश्वर में जिला न्यायालय सन् 1873 में स्थापित किया गया था, सन् 1873 में राज्य का ज्युडिशियल सिस्टम ब्रिटिश इण्डिया सम्राट द्वारा आवंटित किया गया था जिसके संबंध में द इन्दौर स्टेट गजेटियर 1931 के पृष्ठ क्र 272 (सन्1873)पृष्ठ क्र 231 (सन्1931)पृष्ठ क्र 530 एवं पृष्ठ क्र 631 में उल्लेख है। होल्कर राज्य की महारानी माॅं अहिल्या के द्वारा भी मण्डलेश्वर में ही न्यायालय का संचालन किया गया था। प्रारम्भ में मण्डलेश्वर में जिला न्यायालय ब्रिटिश शासन के घुड़साल (वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व का कार्यालय)में लगता था। इसके पश्चात माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा मण्डलेश्वर में जिला न्यायालय का नया भवन निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई जिससे एक भव्य एवं शानदार भवन का निर्माण सन् 1977 में किया गया, जिसका उद्घाटन तत्कालीन न्यायाधिपति माननीय श्री न्यायामूर्ति शिवदयाल जी श्रीवास्तव के कर-कमलों द्वारा दिनांक 23 अप्रैल 1977 को सम्पन्न हुआ। जिला न्यायालय भवन के अतिरिक्त काफी बड़ा क्षेत्रफल परिसर के रूप में उपलब्ध है, जहाॅ पर बगीचा एवं अन्य व्यवस्थाएं स्थित हैं। जिला न्यायालय भवन के अतिरिक्त, जिला उपभोक्ता फोरम, ए.डी.आर सेन्टर, परिवार न्यायालय के भवन स्थित हैं तथा अतिरिक्त परिसर भी स्थित है।